Tuesday, March 13, 2012

हर पल हर दिन कुछ नया...

हर पल हर दिन कुछ नया...
अनोखा कर दिखने को
कुछ कदम आगे बढ़ने को 
कुछ गीत गुनगुनाने को
कुछ खुशियां बांटने को 
कुछ हरि-ध्यान लगाने को 
अपने आप सजाने को 
अपनी तकदीर बनाने को 
                                        - विनीत 'रामानंद'